नम्बर वन में आता शियम
जिसके सामने न चलता कोई नियम
देख सफ़ेद बाल नानू -नानी के ,कहता-
'क्या हो जावोगे अब ईश्वर के प्यारे?'
जितनी चंचलता व शरारत इसकी आँखों में
उतना भोलापन और मिठास इसकी बातों में ।
नम्बर टू में आती नायशा
मधुर मुस्कान से कहती -वंडरफुल !
'यू आर द बेस्ट नानी इन द व्हॉल वर्ल्ड'
कला की यह रानी है ,नजरें इसकी पैनी हैं
बारीकी से कनवास सजाती , गुड़िया
की डाक्टर , ब्यूटिशियन व मम्मी बन जाती ।
नम्बर थ्री में सिया है
इसे टीचर कहने में कोई अचरज नहीं
नाचने और नचाने में माहिर यह
लीडर बन ऑर्डर करने में ,हाजिर यह
अपनी मीठी -मीठी बातों से रिझाती
नित नए -नए योगासन सिखाती ।
नम्बर फॉर में आता सोहम
भोली -सी बोली ,भोली -सी सूरत
'आप ठीक तो हो नानी ' ?-कह
दिल में बसा देता अपनी सूरत
भैया का नकलची बन्दर यह
ममता और प्यार का सिकंदर यह ।
नम्बर फाइव में बारी नीव की
सबसे छोटा ,सबसे खोटा
टेलटविस्टर हमारे घर का
चुलबुली हरकतों से ,कभी
बनता ही-मेन, तो कभी ऑयरन मेन
कभी जग्गू ,कभी भीम बन करता मनोरंजन।
इन पाँचों की पंचायत जब लग जाती
मम्मी -पापा, नाना -नानी ,की ऑंखें भर आती
इनकी प्यारी हरकत व तुतले बोलों से
बचपन फिर लौट आता आँगन में
ईश्वर से है बस यही वंदना
भरी रहे खुशियाँ इनके दामन में ।
3 टिप्पणियां:
बहुत खूबसूरती व ममता से लिखी गयी कविता
Waah! Kyaa baat hai...bachchon se aapka pyaar saaf jhalaktaa hai:) Sunder kavita!
Thanks Amit ji & Vanderloost
Han bachchon ke prati mera bahut lagav hai, ye meri kamjori ,mera utsah or meri hansi hai.
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