रविवार, 16 नवंबर 2014

बेटी की विदाई

 

आज है शादी बेटी की ,
माता -पिता का मन हर्षाए'
बेटी के विवाह पर ढेरों आशीर्वाद बरसाए । 
मम्मी -पापा की आँखों की ज्योति,
नन्हें -नन्हें कदम चली, 
बांहों के झूले झूल हुई बड़ी ।
बचपन की यह चुलबुली गुड़िया 
चटपटी बातों से लेती थी सबको रिझा 
घर की यह प्यारी व लाडली ,
थी दिलों पर सवार । 
भाइयों से उलझती ,
छोटी-छोटी नोक-झोक पर। 
आंसू बहा-बहा ,दिल जो जीतती ,
हम सबकी यह छोटी डॉल । 
इसकी बातें ,इसके ठहाके ,
कर देते थे सबको गोल । 
सखियों की सबसे प्यारी सखी,
चाट खिलाती ,पिक्चर दिखाती । 
मनमानी यह नखरे दिखाती ,
बेटी होने का लुफ्त उठाती । 
आज यही हमारी बिटिया,
हो गयी अचानक सयानी । 
डोली में बैठ ,चली पति के आँगन ,
बनेगी अब सास -ससुर की शोभा । 
विदाई के इस शुभदिन ,
ईश्वर देना बिटिया को तुम ,
दुर्गा-सी शक्ति ,सरस्वती की सोच।  
नव जीवन में अपने,पाए प्यार 
और  सम्मान हररोज। 
कर सके अपने फैसलें ,
ना  बने किसी पर बोझ ।   

  

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