आज है शादी बेटी की ,
माता -पिता का मन हर्षाए'
माता -पिता का मन हर्षाए'
बेटी के विवाह पर ढेरों आशीर्वाद बरसाए ।
मम्मी -पापा की आँखों की ज्योति,
नन्हें -नन्हें कदम चली,
बांहों के झूले झूल हुई बड़ी ।
बचपन की यह चुलबुली गुड़िया
चटपटी बातों से लेती थी सबको रिझा
घर की यह प्यारी व लाडली ,
थी दिलों पर सवार ।
भाइयों से उलझती ,
छोटी-छोटी नोक-झोक पर।
आंसू बहा-बहा ,दिल जो जीतती ,
हम सबकी यह छोटी डॉल ।
इसकी बातें ,इसके ठहाके ,
कर देते थे सबको गोल ।
सखियों की सबसे प्यारी सखी,
चाट खिलाती ,पिक्चर दिखाती ।
मनमानी यह नखरे दिखाती ,
बेटी होने का लुफ्त उठाती ।
आज यही हमारी बिटिया,
हो गयी अचानक सयानी ।
डोली में बैठ ,चली पति के आँगन ,
बनेगी अब सास -ससुर की शोभा ।
विदाई के इस शुभदिन ,
ईश्वर देना बिटिया को तुम ,
दुर्गा-सी शक्ति ,सरस्वती की सोच।
नव जीवन में अपने,पाए प्यार
नव जीवन में अपने,पाए प्यार
और सम्मान हररोज।
कर सके अपने फैसलें ,
ना बने किसी पर बोझ ।
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