बुधवार, 19 अगस्त 2015

ओस की ख्वाहिश

Dew Rose by DaFotoGuy

<b>Rose</b> <b>Dew</b>: la foto 1024 x 768 pix.








                                 



ओस ने की ख्वाहिश गुलाब से
जी चाहता है भर लूँ आलिंगन में        
जो देखती हूँ तुझे काँटों में पलते
फिर भी रहते सदा मुस्कराते
हँसते -हँसाते और मुस्कराते ।

जी चाहता है तेरे आलिंगन में
गुजर जाए छोटा-सा जीवन मेरा
White Rose Dew Drops Picturesतेरे जैसे राजा की रानी बन
सीखूं काँटों के बीच जीना
हंसना -हँसाना और खिलखिलाना ।                             

सुन बात ओस की ,गुलाब ने कहा -
कभी मुरझा जाता था जल्दी
पाकर अकेला स्वयं को
जब मिला स्पर्श तेरा
फिर से जीने की चाह  जगी  ।

तेरे आलिंगन मात्र से
मोतियों से सज गया हूँ
भींगा -भींगा -सा ,मस्त
पवन में तरो -ताज़ा हो, तेरी
चाहत का दीवाना हो गया हूँ ।








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3 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

bahut khoob :-)

Indrani ने कहा…

Felt good reading a Hindi poem. Nice lines. :0

mere vichar ek khuli kitab ने कहा…

thanks Archana and Indrani