पेल्लिंग सिक्किम राज्य के पश्चिम में 7200 ft. की ऊंचाई पर बसा एक शानदार रमणीय ,पर्वतीय स्थान है । New year 2016 का स्वागत करने व celebrate करने के लिए हम सपरिवार अपने home town Kurseong से रवाना हुए ।
ज्यों - ज्यों हम पेल्लिंग की और बढ़े ,प्रकृति के अविस्मरणीय सौंदर्य में प्रवेश करते गए । छोटे -छोटे ,पतले -पतले ,ऊंचाई को नापते रास्ते, यूँ महसूस हो रहा था न जाने कब फिर पीछे की और गाड़ी फिसल जाए । कुछ एक जगहों में संतरों के बगीचे ,हरियाली के साथ केशरिया रंग बिखेर रहे थे । जैसे ही आगे बढे भारी वर्षा ओलों के साथ कार के शीशों पर तबला वादन करने लगी । रास्तों के दोनों और हिम की श्वेत चादर बिछ गयी । यह खूबसूरत नज़ारा आँखों को चकाचौध कर रहा था । सांसे जैसे रूक गयी थी । एक अजीब -सा भय -अगले पल का या फिर सांसे रूक जाने का दिमाग पर हावी हो चूका था । गाड़ी ओलों की वजह ऊपर चढ़ नहीं पा रही थी चक्के फिसल रहे थे ,यूँ लग रहा था 'थोड़ी नजर हटी और कुछ अनहोनी घटना घटी । देखते -देखते गाड़ियों की क़तार लग गयी,न आगे न पीछे ।
जैसे -जैसे बारिश धीमी पड़ने लगी ,भय थोड़ा नियंत्रण में आया । सहयात्रियों ने पानी में भींगते हुए सड़क के बीच एक -एक गाड़ी गुजरने का रास्ता बनाया । करीब ढाई घंटे की कड़ी मक्कसद के पश्चात इस रस्ते आगे बढ़ने लगे । इतनी देर से जो सांसे रुकी हुई थी -एक अद्भुत सौंदर्य के दर्शन से जोरों से धड़कने लगी । आँखे खुली की खुली रह गयी ,जब हिमालय की चोटी की श्रंखला नज़र आने लगी । डूबते सूर्य की लालिमा इस बर्फीले पर्वत से स्पर्श कर सुनहरी प्रतीत हो रही थी । सोने की खान नहीं ,लगा हमने सोने का पहाड़ देखा है । यूँ प्रतीत हुआ किसी स्वप्नलोक में प्रवेश कर रहे है । इस दृश्य ने सभी को प्रफुल्लित कर दिया पेल्लिंग के लिए ।
हॉटल माउंट पेन्डियम पहुँचने की उत्सुकता और बढ़ गयी । "वाह ! क्या जगह है '-सभीलोग एक साथ बोल पड़े। हॉटल के परिसर से दृष्टिगत प्राकृतिक सौंदर्य कल्पनाओं से परे था । वास्तव में किसी fantasy से कम नहीं । मनमोहक इस दृश्य को दिल में समां लेना चाहते थे ।
प्रातःकाल उदय होते सूर्य की लालिमा हिम का स्पर्श पा गजब ढा रही थी । सूर्य जैसे -जैसे ऊपर चढ़ता कंचनजंघा अपने पुरे यौवन पर दिख रही थी । कभी किरणों की चमक इस छोर पर तो कभी दूसरे छोर पर ,जाने आँख मिचौनी खेल रही हो ।
सूर्य की किरणे जैसे ही धरती पर सीधे गिरने लगी ,तुषारमंडित हिमालय की यह श्रंखला चाँदी की तरह चमकने लगी । यह क्या! कभी सुनहरा रंग तो कभी रुपहला । प्रकृति की अद्भुत छटा का गजब रूप पेल्लिंग में देखने मिला । ठंडी हवाएं ,कड़ाके की सर्दी ,ओवरकोट ,ग्लव्स और टोपी व गर्म चाय-कॉफी के साथ किसी Wonderland or Dreamland से कम नहीं यह पेल्लिंग ।
This blog post is inspired by the blogging marathon hosted on IndiBlogger for the launch of the #Fantastico Zica from Tata Motors. You can apply for a test drive of the hatchback Zica today.
3 टिप्पणियां:
beautiful pictures and lovely write-up Geetaji :-)
Cheers, Archana - www.drishti.co
बहुत बढ़िया वर्णन, गीता जी।
bahut sundar yatra-vrattant! rochak varnan! khubsoorat tasweeren!!
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