Dr. bhupen Hazarika stadium
मेरा बचपन ,मेरी शिक्षा तथा एक नागरिक में मेरा पूर्ण विकास जिस शहर में हुआ वह है गुवाहाटी । गुवाहाटी असम राज्ञा की राजधानी है तथा मेरा सबसे पसंदीदा शहर भी है । यह शहर भारतवर्ष के उत्तरी - पूर्वी हिस्से में स्थित है । 'गुवा' का अर्थ है 'सुपारी '(betel nut) और 'हाटी' का अर्थ है 'हाट 'यानि बाजार । यह सुपारी बेचने का प्रमुख शहर हुआ करता था । प्राचीनकाल में इस शहर को 'प्रयाग्ज्योतिषपुर ' के नाम से जाना जाता था ।असम का यह शहर ब्रह्मपुत्र नदी और शिलॉंग के पत्थर के बीच बसा हुआ है । इस शहर की ओर आकृषित होने का कारन है इसका प्राकृतिक सौंदर्य । इसके चारों तरफ नीलाचल पर्वत , चित्राचल पर्वत ,तथा नरकासुर पर्वत हैं । यह एशिया के प्राचीनतम से एक है , जिसका जिक्र प्राचीन ग्रंथों व पुराणों में भी हुआ है । मध्य कल में यह अहोम राजा का राज्य था । मुगलों ने असम पर सतरह बार आक्रमण किया था । बर्मा (म्यांमार ) के आधीन भी यह शहर रहा , तत्पश्चात Anglo -Burmese युद्ध के बाद East India Company के आधीन आ गया १८२६ ईस्वी में ।
उत्तरी -पूर्वी भारत के सातों राज्यों ( Meghalaya, Aijwal ,Manipur , Nagaland, Arunachal Pradesh, Agarttala,, and Assam) से यह शहर बहुत ही सुन्दर -से जुड़ा हुआ है । Bhutan से भी यह शहर भलीप्रकार जुड़ा हुआ है । गुवाहाटी से अन्य शहरों व राज्यों से सड़क मार्ग ,रेल मार्ग ,हवाई मार्ग और जल मार्ग द्वारा यतायात
होता है ।
उपरोक्त सातों राज्यों का सबसे बड़ा शहर होने के नाते ,इसने आर्थिक प्रगति बी अति तीव्रता से की है । Malls, Multoplexes, Offices, Hotels ,commercial Complexes और Educational Institutions की यंहा तेजी से उन्नत्ति हुई है । गुवाहाटी विश्वविद्यालय उत्तरी -पूर्वी भारत का प्रथम विश्वविद्यालय है । IIT, Medical College . Engineering College ,Law College ,College of Architecture, IIHM, Branch Of ICAI आदि सभी अनुष्ठान यहाँ है । Guwahati Refinery, Guwahati Tea Auction Centre यहाँ के मुख्या वाणिज्यीक केंद्र है । यहाँ से रसोई गैस ,केरोसिन ,इत्यादि बंगाल के सिलीगुड़ी तक जाते हैं । यहाँ की हस्त -कला भी बहुत सुन्दर है व् आर्थिक स्थिरता में सहायक है ।
गुवाहाटी को 'Gateway Of North -East India ' भी कहा जाता है । मुझे याद है जब 1977 में हमने अपना घर फेन्सी बाजार से G.S.Road शिफ्ट किया था तो चोरों और जंगल ही जंगल था । आज यह मार्ग गुवाहाटी का सबसे अधिक चहल -पहल वाली जगह है । सिनेमाघर ,मॉल, वाणिज्यिक केंद्र ,रेसिडेंशियल कोम्प्लेक्सेस इत्यादि यहीं बने है ।
गुवाहाटी को 'City Of Temples ' भी कहते है । माँ कामख्या का मंदिर यंहा का प्राचीनतम मंदिर है भारत के कोने - कोने से लोग दर्शन के लिए आते हैं । अन्य मंदिरों में शुक्रेश्वर मंदिर , उमानाथ ,
वशिष्ठ आश्रम ,
तिरूपतिमंदिर ,व नवग्रह मंदिर प्रमुख है । इनके अलावा बहुतसारे दर्शनीय स्थान भी है । पाण्डु यंहा का बंदरगाह है।
kamakhya temple
a view of the city from Kamkhya temple at night
यंहा के लोग बहुत शांतिप्रिय हैं । उल्फा आंदोलन ने टहलोगों के दिल में दशक फैला दी थी , पर अब हालत नियंत्रण में है । लोग कला प्रेमी हैं ,बिहू नृत्य यहाँ का प्रसिद्ध नृत्य है। सबसे बड़ी खासियत इस शहर की यह है कि यहाँ सर्वधर्म व सभी जाति के लोग खूब मिलजुलकर शांतिप्रिय ढंग से रहते है । मुझ मेरे इस शहर से बहुत लगाव है ।
bashishtha temple balaji temple
umananda temple mid of river brahmaputra brahmaputra cruise guwahati planeterium
मेरे बचपन से आज तक की गुवाहाटी की इन यादों के साथ फिर एक बार यह कहूँगी ----Guwahati -I love you
1 टिप्पणी:
बहुत ही सुन्दर वर्णन ।
एक टिप्पणी भेजें