मंगलवार, 26 जुलाई 2016

मनुष्य - एक सामाजिक प्राणी #neverexistsinisolation

माँ के गर्भ में आते ही जीव 
माँ से जीवन ग्रहण करता ,
जग में अकेले कैसे रह सकता 
घुटने के बल दहलीज लांघता । 
गुरु जनों से ले ज्ञान का भंडार 
लगता जुटाने रोटी ,कपड़ा,मकान
इसप्रकार जीवन के हर कदम पर 
आते हैं  संपर्क में लोग  हज़ार । 
कभी सास ,तो कभी ऑफिस का बॉस 
जब  होता अकेला तो रूक जाती साँस,
एक अकेला नहीं रह सकता प्रसन्न 
यूँ  ही तो  हो जाता  है   डिप्रेसन । 
चाहिए कन्धा कभी रखने को सर 
जब होती उदासी सवार जहन पर ,
अकेलापन जीवन की  खुशियों में रोड़ा है  
मिलना -जुलना साथी संग ,हंसना थोड़ा है।  
है  मनुष्य एक  सामाजिक  प्राणी 
सत्य यही है ,कहती हरेक की वाणी ॥ 

This post is written under the InSpire Topic 

Human beings need someone in their life. Atleast a person to ask occasionally, how one feels now. What's your say on it? #neverexistsinisolation

  

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