बुधवार, 22 जुलाई 2015

PAPA KE CHASHME SE---

पापा के चश्मे से- 


देखना चाहती हूँ 

वह सब, 
जो पापा ने देखा था । 
एक छोटे -से गांव से 
शहर तक का सफर, 
बड़ी सफलता से 
अहसास किया था ।  
मुझे क्यों --
धुंधला दिखता है ? 
शायद - 
उम्र का तकाजा नहीं ,
जो इस चश्मे को है।  
देखना चाहती हूँ -
वह हंसी -मुस्कराहट ,
वह संजीदगी व सादगी, 
वह निःस्वार्थ कामयाबी, 
वह अल्हड़पन -नादानी 
 जिसने संवारा जीवन 
धुंधला ही सही -
देखना चाहती हूँ -
वह दुनियादारी -रिश्ते 
वे गुजरे पल 
समाई जिसमें सारी यादें।  
हाँ -चश्मे के इस 
धुंधलके में -
कुछ -कुछ दिखने लगा है ,
हूबहू वही चेहरा 
जो मेरे -
पापा का है । 
My father gave me the greatest gift anyone could give another person, he believed in me. - Jim Valvano
      
 DEDICATED TO MY BELOVED FATHER ON HIS 7TH DEATH ANNIVERSARY.  
 

mere vichar- ek khuli kitab: Budhapa - rah ka roda nahi

mere vichar- ek khuli kitab: Budhapa - rah ka roda nahi: बुढ़ापा - राह का रोड़ा नहीं   अपनी जिंदगी के साठ  वसंत पार करने जा रही हूँ साल 2016 में । बचपन से लेकर आजतक सबकुछ झोली भरकर मिला । दाद...

सोमवार, 20 जुलाई 2015

Budhapa - rah ka roda nahi


बुढ़ापा - राह का रोड़ा नहीं 




अपनी जिंदगी के साठ  वसंत पार करने जा रही हूँ साल 2016 में । बचपन से लेकर आजतक सबकुछ झोली भरकर मिला । दादा -दादी ,माता -पिता का  प्यार ,भाई -बहनों संग अठखेलियाँ ,पति का प्यार ,बच्चों की खुशियां व आदर -सम्मान सबकुछ भरपूर मिला । किन्तु इन सबको पाने के लिए संघर्ष करते रहना पड़ा ।
समझदारी,सहिष्णुता और संतुलन की बहुत जरुरत पड़ी ।

वरिष्ठ नागरिक होने की कगार पर अब भविष्य तो सोचने का विषय है । मैं इस कथन में विश्वास रखती हूँ-हेनरी फोर्ड ने ठीक ही कहा है   "जो सीखना छोड़ देता है वो बूढ़ा है,चाहे बीस का हो या अस्सी का, जो सिखाता रहता है वो जवान रहता है ,जिंदगी की सबसे बड़ी चीज है अपने दिमाग को जवान रखना । "

ईश्वर ने सबसे बड़ा न्याय मेरे साथ यह किया कि  मुझे तीन बेटियाँ दी ,उनके साथ तीन बेटे फ्री में मिल गए । तक़दीर की धनी  मैं  कुछ कम  नहीं । पांच प्यारे - प्यारे नाती -नातिन जिंदगी में बहार लेकर आए हैं ।इस संदर्भ में मैं यही कहूँगी की जिंदगी के उन पलों को जिए ,याद रखें जो खुशियां देते हैं ।
"Cherish all your happy moments, they make a fine cushion for old age ." -Christopher Morley.
"Health is wealth "-यही है जो जीवन की संध्या को सहज और सुन्दर बनाने के लिए सबसे अधिक जरुरी है । भगवन बुद्धा ने भी कहा है -"बिना सेहत के जीवन जीवन नहीं ,बस पीड़ा की स्थिति है -मौत की छवि है । "
हमारा दिमाग चुस्त है तो बुढ़ापे की चिंता किस बात की । सोच नयी तो उम्र नयी

मुझे बच्चों से बड़ा लगाव है । अपने नाती -नातियों के साथ जो लम्हे बिताती हूँ ,वे मुझे  चुस्त ,स्फूर्तिवान और तनावमुक्त बना देते हैं । ऐसे भी मैं शिक्षा के क्षेत्र से जुडी हूँ ,बच्चों के साथ समय बिताना ,उन्हें कुछ सीखना ,उनसे कुछ सीखना मुझे बड़ा अच्छा लगता है ।

"आत्म सम्मान की  रक्षा हमारा सबसे पहला धर्म है । "-मुंशी प्रेमचंद  चाहे हम किसी उम्र के पड़ाव पर क्यों न पहुँच जाएँ ,आत्म -सम्मान का ख्याल जरूर रखना चाहिए । आत्म -सम्मान आर्थिक स्वतंत्रता से जुड़ा हुआ है ।
वृद्धावस्था में आर्थिक रूप से सम्पन्न रहना चाहिए ,जिसकी त्यारी युवावस्था से ही करनी चाहिए । हम काम से काम अपने स्वयं की खर्च उठाने की क्षमता जरूर रखें ,ताकि किसी के सामने हाथ फ़ैलाने की जरुरत न पड़े ।

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है - बिना समाज के हम नहीं रह सकते ,अकेला महसूस करेंगें । Lion's Club की सदस्या होने के नाते अक्सर बीमार ,पिछड़े वर्ग के लोगों की सेवा करने का सौभाग्य मिलता हैं ,जो जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं । अपने हम उम्र लोगो के साथ समय बिताना ,एक दूसरे के सुख -दुःख बाँटना ,आपसी मदद करना जिंदगी को आगे बढ़ता है।

सबसे बड़ी चीज है कर्मठ होना "As long as I am breathing ,in my eyes ,I just beginning".- Criss Jami
हम अपनी आयु को अड़चन या रोड़ा के रूप में देखें तो गलत होगा । अंतिम साँस तक हमें काम करते रहना चाहिए ।
             
"खुदी  को कर बुलंद इतना की हर तक़दीर से पहले          
 खुदा बन्दे से पूछे ,बता तेरी रज़ा क्या है  ?"

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