शुक्रवार, 4 नवंबर 2016

एक दीया शहीदों के नाम


आज सब मिल एक दीया जला दो उसके नाम 
वतन का वह मतवाला ,जिसने जीवन किया हमारे नाम । 

आज सब मिल एक दीया जला दो उसके नाम 
खेले खून की होली ,कर स्वयं का बलिदान  । 

आज तिलक लगा दो बहना उस वीर को 
जो लड़ रहा रणभूमि में ,छोड़ अपनी हीर को । 

आज तिलक लगा दो बहना उस जॉबाज  को
जो बन रक्षक पहरा देता ,दिल में समाए माँ की आवाज़ को । 

आज तिलक लगा दो बहना ,इस बलिबेदी के लाल को 
मौत के घाट उतारे आतंकियों को ,छोड़ घर बूढ़े बाप को । 

आज सब मिल एक दीया जला दो उसके नाम 
जो त्याग सबकुछ,  हो गया देश की खातिर  कुर्बान ॥ 

"शहीदों की चिताओं पर जुड़ेंगे हर वर्ष मेले
वतन पर मरने वालों का यही निशां होगा"