शनिवार, 20 जून 2015

missing you PAPA- you are the BEST

Missing you Papa-You are the best

(Dedicated to my father on this father,s day,who made me what am today.)


याद आती है -वह काली मखमल 
जो तुम खरीद लाए थे ,
                                                
                                                    तुरन्त सिलवाकर फ्रॉक माँ से  ,
                                                    मुझे पहना ,फोटो खिंचवाए थे 
बैठा साईकिल की छोटी सीट पर 
सैर करा कर  लाते थे  । 

याद आता है- वह आँगन
जंहाँ सुबह -सुबह , ले अख़बार हाथ में 
तुम स्पेलिंग पूछा करते थे ,
दुनिया भर की खबरें सुना -सुना 
वर्तमान से अवगत कराते थे ,
नाश्ते की टेबल पर ,ठहाकों के बीच ,
जीने की राह  दिखाते थे  । 

याद आते हैं -परीक्षा के वो दिन 
जब रात -रात  जागकर तुम
गर्म दूध और चाय की चुस्की से 
हमारी  नींद भगाया करते ,अच्छे अंक 
पाने को ,हमारा उत्साह बढ़ाया करते 
टाटा -बॉय -बॉय के बीच ,गुड -लक कह 
सारा टेंशन भगाया करते । 

याद आती है -तेरी और माँ की नोक -झोंक,
जो अक्सर हो जाया करती थी 
छोटी -छोटी बातों में ,माँ  रूठा करती थी ,
तेरा "होम मिनिस्टर" कह कर बुलाना 
फिर माँ का धीरे से मुस्काना -
'तेरे पापा तो बस ऐसे ही हैं '-कहकर 
रूठना -बिगड़ना भूल जाती थी 
और नोक -झोंक पल में रफ्फूचक्कर हो जाती । 

याद आता  है -तेरा निःस्वार्थ प्यार
क्या हम दे सकते है -
तेरे इस प्यार और  मेहनत को 
रहेंगे ऋणी जीवन - भर  
बसे  हो आज भी हमारे दिलों में 
महसूस यह हर वक्त  करते  हम 
पापा यू आर द  बेस्ट ,यू आर द बेस्ट । 
       

गुरुवार, 28 मई 2015

SANTULAN (BALANCE)


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संतुलन


'संतुलन'-- शब्द को हम महज एक शब्द न समझ कर इसके विस्तृत रूप को देखें तो ,हम जानेंगे कि  हमारे सुन्दर जीवन का आधार  ही संतुलन है । जिसप्रकार तराजू पर सटीक तौल जानने के लिए दोनों पलड़ों पर बराबर वजन आवश्यक है ,ठीक उसीप्रकार जीवन के हर क्षेत्र को सुखमयी बनाने के लिए संतुलन जरुरी है । सीधे खड़े रहने के लिए पैरों का संतुलन जरुरी है अन्यथा हमें लचक कर चलना होगा।

जीवन के हर क्षेत्र -मानसिक ,आर्थिक ,सामाजिक,राजनैतिक या अनुशासनिक सभी में संतुलन होना अत्यावश्यक  है ।

कोई विद्यार्थी सिर्फ किताबी कीड़ा बन जाये और खेलकूद ,अनुशासन ,खानपान  इत्यादि के बीच संतुलन न रखे तो वह बीमार पड़ जायेगा ,मानसिक तनाव का शिकार हो जायेगा । हम अगर दिनभर काम -काज में फंसे रहे ,स्वयं के लिए समय न निकाले  तो उच्च रक्त चाप के मरीज हो जायेंगे \

जँहा  तक रिश्तों का सवाल है ,संतुलन की बहुत बड़ी भूमिका है । माता -पिता अगर पुत्र से यही चाहे कि  वह उनकी तहे दिल से सेवा करे ,उनके सारे अरमान पुरे करे और  उसके साथ सात फेरे लेकर आई पत्नी को समय न दे । और दूसरी तरफ बेटा भी स्वार्थी हो जाये ,अपनी बीबी -बच्चों में लगा रहे ,बूढ़े माता -पिता का तनिक भी ख्याल न रखे ,जिन्होंने उसे जन्म दिया ,पाला -पोषा , तो रिश्ते छलनी -छलनी हो जायेंगे । जिंदगी जहर बन जाएगी ।

आर्थिक संतुलन को समझने  के लिए एक ही पंक्ति काफी है -"कमाई अठ्ठनी ,खर्च रुपया "। ऐसा करने पर परिणाम हम भलि भांति समझ सकते हैं ।

किसी बच्चे को हम यूँ अनुशासित करना चाहे कि  वह हमारे सामने मुंह न खोले। आँखे न उठाये तो हम अपनी सोच का संतुलन खो रहे हैं । हमारे और युवा पीढ़ी के बीच खायी खोद रहें हैं ।

"कथनी और करनी " में संतुलन न हो तो राजनैतिक गलियारे में सत्ता पलट सकती है ।

पर्यावरण का भी अगर संतुलन बिगड़ जाये तो चारों ओर तबाही मच जाएगी । प्रकृति प्रितिशोध लेना शुरू कर देगी। धरती को स्वर्ग बनाकर रखना है तो पर्यावरण का संतुलन बनाये रखना होगा ।

स्वास्थ्य ठीक रखने के लिए "आहार "संतुलित न हो तो शारीरिक व्यवस्था कमजोर पड़ सकती है ।
इसप्रकार 'संतुलन ' शब्द को हम बृहत्तर रूप में परिभाषित करें तो पाएंगे कि यह हमारे जीवन का आधार है ।
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 pictures from google

बुधवार, 27 मई 2015

GHADIYALI ANSOO

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घड़ियाली  आँसू 


कैसे सुनाऊ मेरी कहानी ,
मेरी महिमा है अंजानी ,
क्या ख़ुशी ,क्या गम ,
मैं दिखता हर पल ,हर दम  

खुशियों में भी दिख  पड़ता हूँ ,
गम में तो बस बह  पड़ता हूँ ,
चेहरे के भावों से होती मेरी पहचान 
ख़ुशी ,गम सबमें मेरी अलग है शान। 

नन्हे की आँखों में देख मुझे, 
झट माँ  डर  जाती है,
बात जो मनवानी उसे ,
मुझे देख झट बन जाती । 

मै  हूँ चीज बड़ी, 
बड़ों -बड़ों को छल सकता हूँ ,
हर लेता सब दुःख -दर्द ,
जब गालों के पथ बहता हूँ ।

मुझे देख कोई गुर्राए ,
कोई छिप जाने को धमकाए 
कोई मुझसे राग मिलाये ,
तो कोई दूर रहने की कश्में खाए ।

मैं  हूँ घड़ियाली आँसू ,
मुझ पर  यकीन  न करना ,
बहुरूप्या  बन सबकी वाट लगा देता ,
दिन को रात ,रात  को दिन कर देता । 




  

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शनिवार, 9 मई 2015

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