मंगलवार, 17 फ़रवरी 2015

Bhashan aur Dua

भाषण और दुआ 

आज  सबेरे घर से निकली 
सड़क पर दौड़ती गाड़ियों की 
भागम -भाग में ,आ रही थी 
एक एम्बुलेंस की सायरन की आवाज 
अचानक देखा पीछे से चली 
आ रही थी लाल बत्ती वाली कार 
नेताजी सजे -धजे बैठे थे ,सीट पर 
पूलिस वेन पीछे -पीछे ,लाल झंडा 
दिखाते हुए ,एम्बुलेंस को पछाड़ रही थी 
यूँ लग रहा था मानो दोनों गाड़ियों में 
भागम -भाग लगी हुई थी 
कभी एम्बुलेंस आगे तो ,कभी लाल बत्ती । 

एम्बुलेंस में छोटी -सी बच्ची ,बुखार से 
तप  रही थी,माँ पास बैठी 
नम आँखों से कभी ग्लूकोज की बोतल
को  निहारती ,कभी बनावटी मुस्कराहट से 
बेटी को सांत्वना दे रही थी 
दूसरी तरफ नेताजी मुंह में गुटखा, 
कान पर कीमती मोबाईल  
हँस -हँस  बतिया रहे थे 
एम्बुलेंस को पछाड़ने की होड़ में 
मानवता भूल ,भाषण पीछे छोड़ आए थे 
सड़क के नियमों की अनदेखी कर 
बच्ची का जीवन तबाह कर रहे थे 
पास बैठी माँ ,कभी नेताजी को कोसती 
कभी बेटी की सलामती की दुआ मांगती 
कभी ऊपर टंगी  बोतल को ,कभी 
बच्ची के बूझते चेहरे को ,निहार रही थी 
इसी भागम- भाग में लाल बत्ती, मरणासन 
बच्ची को पीछे छोड़ , आँखों से ओझल हो चुकी थी ।
    
                                                                     picture from google.com




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