सोमवार, 7 नवंबर 2016
शुक्रवार, 4 नवंबर 2016
एक दीया शहीदों के नाम
आज सब मिल एक दीया जला दो उसके नाम
वतन का वह मतवाला ,जिसने जीवन किया हमारे नाम ।
आज सब मिल एक दीया जला दो उसके नाम
खेले खून की होली ,कर स्वयं का बलिदान ।
आज तिलक लगा दो बहना उस वीर को
जो लड़ रहा रणभूमि में ,छोड़ अपनी हीर को ।
आज तिलक लगा दो बहना उस जॉबाज को
जो बन रक्षक पहरा देता ,दिल में समाए माँ की आवाज़ को ।
आज तिलक लगा दो बहना ,इस बलिबेदी के लाल को
मौत के घाट उतारे आतंकियों को ,छोड़ घर बूढ़े बाप को ।
आज सब मिल एक दीया जला दो उसके नाम
जो त्याग सबकुछ, हो गया देश की खातिर कुर्बान ॥
"शहीदों की चिताओं पर जुड़ेंगे हर वर्ष मेले
वतन पर मरने वालों का यही निशां होगा"
सोमवार, 24 अक्टूबर 2016
बुधवार, 19 अक्टूबर 2016
ऐसा सुन्दर चमन हो
रावण के सिर दस थे ,पर दिमाग एक
हमारा देश एक परन्तु नेता अनेक
उठ-बैठ ,भला -बुरा ,कुर्सी की होड़ में करते
ऐसो-आराम ,दौलत-सौहरत ,जीवन का ध्येय रखते ॥
रावण जो था त्रिलोक में सर्व बुद्धिमान
जिसके एक 'अहम्' ने सोने की लंका उजाड़ी थी
इस अहम् को त्यागो बंधुओं ,अन्यथा
देश लंका बन ,त्राहि-त्राहि मच जाएगी ॥
रावण के अत्याचार ने ,भाई को घर भेदु
बना , देश अपना छोड़ने को मजबूर किया
भ्रष्टाचार यूँ भी न करें किअपने ही प्रियजन
बन आतंकी ,विद्रोह की ज्वाला भड़काए ॥
रावण ने पर स्त्री का हरण किया
किन्तु उसके सतीत्व को ना शर्मशार किया
मगर आज मेरे अपने भारत में दुष्टों ने
भरे बाजार ,निर्भया जैसा कांड किया ॥
निकाल फेंको अंदर के रावण को
स्वच्छ करो दूषित वातावरण को
सुरक्षित हो महिलाएं ,ऐसा प्रण हो
न पनपे कुरीतियाँ ,ऐसा सुन्दर चमन हो ॥
This post is only written for the Indispire topic-
The ten head of Ravan (ten social evils) you would like to kill this Dassera. Atrocities on women? Judging beauty by skin colour? or some others? And in which order?
सोमवार, 26 सितंबर 2016
बुधवार, 21 सितंबर 2016
मुख़ौटा (Mask)
पहन मुख़ौटा दुनिया देखन मैं चली
दहलीज़ लांघते ही ,अनेक मुख़ौटे दिख पड़े
जब देखा रक्षक ही भक्षक बन गया,ना देने पर
सौ रूपये की पत्ती ,भोला राजू हथकड़ी पहन गया
शूट -बूट वाले दानवीर ,कुचल प्राणी को
रफ़्तार पकड़ ,नशे में धूत आगे निकल पड़ा
चौराहे पर मिटठू ,शीशा पोंछता कारों के
छोटी -सी खरोंच पर बाबु से ,दस तमाचे खा गया
जैसे -जैसे आगे बढ़ी ,दिखे मुख़ौटे और
काला चश्मा ,कीमती मोबाइल का लगा मुख़ौटा
समाज सेविका जी , लेती सेल्फी सौ -सौ
नेता जी लगा आये, कथनी पर करनी का मुख़ौटा
ठग गए प्रजा को ,करके लुभावने वादे अनेक
वोट बैंक की राजनीति ,बिक गए सारे वसूल
सत्ता की भूख में अनाचरण में हुए मसगुल
मुख़ौटे की इस दुनिया में ,बच्चे भी करते ब्लैकमेल
ला दो वह लेटेस्ट मोबाइल वरना ना जाऊँ स्कूल
चन्दन -टिका लगा पंडित जी भक्ति -भाव भूल गए
राम नाम के मुख़ौटे में ,दक्षिणा बटोर चम्पत हुए
डिग्रियों के मुख़ौटे में शिक्षक ,छात्रों को भूल गए
ट्युइशन की बंदिस में, वसूलों को पीछे छोड़ गए
भाई मेरे इस दुनिया में हर चीज एक मुख़ौटा है
हाथी के दांत दिखाने केऔर ,खाने के ओर होते हैं ।
सोमवार, 12 सितंबर 2016
बुधवार, 31 अगस्त 2016
शुक्रवार, 26 अगस्त 2016
गुरुवार, 18 अगस्त 2016
गुरुवार, 11 अगस्त 2016
Window clicks--" boju"
In Nepali the term 'boju" means grandmother. At the age of 85 boju climbs the steep foothills of Kurseong about 5-6 km. every morning carrying about 20 liters of milk. Sometimes she carries a bundle of 50 brooms , local cucumbers, fresh organic green vegetables etc. Since last 40 years I have been seeing boju toiling hard for her livelihood.
She is a real model of "a true will power ". I salute you boju. you are an inspiration to me and others.
मंगलवार, 9 अगस्त 2016
बुधवार, 3 अगस्त 2016
मंगलवार, 26 जुलाई 2016
मनुष्य - एक सामाजिक प्राणी #neverexistsinisolation
माँ के गर्भ में आते ही जीव
माँ से जीवन ग्रहण करता ,
जग में अकेले कैसे रह सकता
घुटने के बल दहलीज लांघता ।
गुरु जनों से ले ज्ञान का भंडार
लगता जुटाने रोटी ,कपड़ा,मकान
इसप्रकार जीवन के हर कदम पर
आते हैं संपर्क में लोग हज़ार ।
कभी सास ,तो कभी ऑफिस का बॉस
जब होता अकेला तो रूक जाती साँस,
एक अकेला नहीं रह सकता प्रसन्न
यूँ ही तो हो जाता है डिप्रेसन ।
चाहिए कन्धा कभी रखने को सर
जब होती उदासी सवार जहन पर ,
अकेलापन जीवन की खुशियों में रोड़ा है
मिलना -जुलना साथी संग ,हंसना थोड़ा है।
है मनुष्य एक सामाजिक प्राणी
सत्य यही है ,कहती हरेक की वाणी ॥
This post is written under the InSpire Topic
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Human beings need someone in their life. Atleast a person to ask occasionally, how one feels now. What's your say on it? #neverexistsinisolation
सोमवार, 25 जुलाई 2016
Window Clicks - A foggy day
कर्सियोंग का कुहासे से भरा एक दिन - अन्य पहाड़ी स्थानों की तरह हमारा यह पहाड़ भी पल -पल में गिरगिट की तरह रंग बदलता रहता है । ३-४ मीटर की दुरी पर भी कुछ नज़र आना बहुत मुश्किल हो जाता है । गाड़ियों पर अगर foglight न हो तो ,सफर किसी खतरे से काम नहीं होता । कुहासे का अपना एक लुत्फ़ होता है । पेड़ -पौधे सिर्फ छाया के रूप में दीखते हैं ।
मेरे ये कुछ Window Clicks आप सभी के साथ बाँटना चाहूंगी ।
my cottage in a foggy day
मेरे ये कुछ Window Clicks आप सभी के साथ बाँटना चाहूंगी ।
my cottage in a foggy day
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