बुधवार, 19 अक्तूबर 2016

ऐसा सुन्दर चमन हो


रावण के सिर दस थे ,पर दिमाग एक 
हमारा देश एक परन्तु नेता अनेक 
उठ-बैठ ,भला -बुरा ,कुर्सी की होड़ में करते 
ऐसो-आराम ,दौलत-सौहरत ,जीवन का ध्येय रखते ॥ 

रावण जो था  त्रिलोक में सर्व  बुद्धिमान 
जिसके एक 'अहम्' ने सोने की लंका उजाड़ी थी 
इस अहम् को त्यागो बंधुओं ,अन्यथा 
देश लंका बन ,त्राहि-त्राहि मच जाएगी  ॥ 

रावण के अत्याचार ने ,भाई को घर भेदु 
बना ,  देश अपना छोड़ने को मजबूर किया
भ्रष्टाचार यूँ भी न करें किअपने ही प्रियजन 
बन आतंकी ,विद्रोह की ज्वाला भड़काए ॥ 

रावण ने पर स्त्री का हरण किया 
किन्तु उसके सतीत्व को ना शर्मशार किया 
मगर आज मेरे अपने भारत में दुष्टों ने  
भरे बाजार ,निर्भया जैसा कांड किया ॥ 

निकाल फेंको अंदर के रावण को  
स्वच्छ करो दूषित वातावरण को 
सुरक्षित हो महिलाएं ,ऐसा प्रण हो 
न पनपे कुरीतियाँ ,ऐसा सुन्दर चमन हो ॥

This post is only written for the Indispire topic-

The ten head of Ravan (ten social evils) you would like to kill this Dassera. Atrocities on women? Judging beauty by skin colour? or some others? And in which order?

   



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