शुक्रवार, 29 अप्रैल 2016

मैं भी एक ब्लॉगर हूँ




Blogs लिखने की कहानी याद करूँ तो ,मैं बचपन में एक मेधावी छात्रा थी ।अपनी स्कूल की पत्रिका में लेख कविता लिखने की आदत थी । विवाहोपरांत भी मेरे पति करीब डेढ़ साल दिल्ली रहे , जंहा किसी कंपनी में कॉमर्सियल मैनेजर के पोस्ट पर थे । हमारा संपर्क ,मेल -मिलाप पत्रों के जरिये ही हुआ करता था । परिवार में मैं "पोस्ट -ऑफिस " के नाम से जानी  जाती थी । 

धीरे -धीरे संयोग कुछ ऐसा हुआ कि हमलोगों ने एक बोर्डिङ्ग स्कूल की शुरुआत की । मेरी बेटियां बड़ी हो रही थीं । मैंने स्कूल में पढ़ाना शुरू कर दिया । मुझे पढाते अब छब्बीस वर्ष हो गए । बेटियां अपने ससुराल चली गईं । स्कूल के पश्चात  शाम का समय  बड़ा खाली  व  सुना लगता था । 

पचपन साल की होते -होते मुझे यूँ  लगने लगा कि स्वयं को व्यस्त रखने के लिए कुछ न कुछ hobby जरूर पाल लेनी चाहिए । इसप्रकार मैंने अपने सोये हुनर को एक बार फिर से जगाने की कोशिश शुरू की । बड़ी खुशी मिलती है जब अपने विचार इन ब्लॉग्स   के माध्यम से आप सभी के साथ बाँट पाती  हूँ , आप सभी के विचारों से खूब सीखने को भी मिलता है । सच कहूं  तो इंटरनेट, ब्लोग्स साइट ,तथा ब्लोग्स कैसे लिखे जातें हैं ,मुझे ज्यादा ज्ञान नहीं था । 

मगर एक दृढ निश्चय के साथ लिखना शुरू किया है ।  आप सभी का प्यार मिलता है ,उत्साहजनक comments जब मिलते है तो लिखने का होंसला और बढ़ता है । ये ब्लॉग्स सही माने में मेरे बुढ़ापे के लिए बहुत बड़ा सकारात्मक सहारा   साबित होंगें । 

Thanks Indiblogger for giving me such a beautiful plateform to share my views.

This blog is written only for Indispire topic #IAmBlogger

शनिवार, 23 अप्रैल 2016

सौंदर्य #haiku


सौंदर्य है तू 
मगर वह धुआँ 
खाक ये जहां 


अनचाहे पल

ओ ! अनचाहे पल 
कैसे पत्थर दिल हो तुम 
क्यूँ आए  मेरी जिंदगी में 
तेरा ही तो जुड़वाँ था वो 
दिए जिसने खुशी के पल हज़ार 
डाल गया कोख में मेरी 
एक प्यारी - सी जिंदगी 
उसकी और मेरी धड़कन 
साथ - साथ चल रही थी 
ना थी कोई प्रत्यक्ष पहचान 
धागा ममता का यूँ बंध  गया 
मैं और वो बन गए ,एक-दूजे की जान
आखिर क्षण इंतजार का आया 
गोदी में मैंने मेरे  लाल  को पाया । 

मगर ऐ ! अनचाहे पल -
तुमने तो मुझे झकझोर ही दिया 
मेरी छोटी -सी जान  को 
पीड़ा से भर दिया 
बांध मेरे धैर्य की टूट पड़ी 
अश्रुधारा आँखों से फुट पड़ी 
जैसे ही नन्ही जान को सुइयां चुभती 
ह्रदय में मेरे वेदना के कांटे चुभते 
बंद ऑंखें और हाथ दोनों ऊपर उठते 
हे ईश्वर ! मुझे इस अनचाहे पल का ,
वो जुड़वां ही फिर से दे दे 
मेरे लाल की सलामती मुझे लौटा दे । 





गुरुवार, 17 मार्च 2016

मिठास #Haiku

<b>Pictures</b> of roses with <b>thorns</b> <b>pictures</b> 1 



लाल सुरंग 
तू ,काँटों सी चुभन 
देती मिठास

बड़ी मनचली मैं #Hapiness

ख़ुशी हूँ ख़ुशी मैं ,बड़ी मनचली मैं 
आँखों के नीर में छुप जाती मैं ,
होठों की मुस्कराहट से भी गुम हो सकती मैं 
सुख- दुःख दोनों में शामिल होती मैं 
नाउम्मीदों के बावजूद भी चली आती मैं 
उम्मीद पर भी न मिळू तो पैरों तले जमीं खीच लूँ मैं
बचपन ,जवानी या हो बुढ़ापा ,नाप -तौल एक सा मेरा
नज़र का फर्क है दोस्तों ,मैं किसी भी रूप में मिल जाती 
 ख़ुशी हूँ ख़ुशी मैं ,बड़ी मनचली मैं । 

मझे अमीरी - गरीबी से भेद भाव नहीं 
झोपडी में भी झोली भर -भर मिल जाती
महलों में भी बर्षों न पहुँच पाती 
ये मेरा कोई खेल नहीं ,न कोई मेरी गलती 
कोई ढूंढता मझे रम  पीकर ,कोई गम खाकर 
मेरी दास्ताँ अजीब है ,तुम समझ सके न मैं 
मैं तो हर -पल ,हर समय करती आँख मिचौली 
सिर्फ तिम्हारे नज़रिये का फर्क है साथी 
ख़ुशी हूँ ख़ुशी मैं ,बड़ी मनचली मैं ॥ 

this poem is written only for the IndiSpire topic #Happiness

रविवार, 14 फ़रवरी 2016

Ke Ghar Ab Aaoge - Sandese Aate Hain (film- Border)-- What a heart touching song






 एक यह गाना  है जो मेरे दिल को बहुत छू जाता है । इसके बोल बेमिशाल हैं । धुन और संगीत भी लाज़बाब है । हमारे देश के वीर जवानों की अपनी कहानी बखूबी बयां की गयी है ।  शब्दों का बेजोड़ मेल है । देश के वीर सिपाहियों को मेरा लख -लख  सलाम , यह गीत उनके नाम ।