ईश्वर की सबसे सुन्दर रचना
अद्भुत ,ममतामयी ,स्थिर ललना
पीढ़ी- दर -पीढ़ी , तूने की संरचना
सह पुरुषत्व की तानाशाही ,सीखा लड़ना ।
क्यों आज चाहिए हमें सहानुभूति
मानवता की हैसियत से ?
क्या कम हैं हममें हुनर और अनुभूति
संतुलन और सहिष्णुता ,किसी नज़र से ?
आजीवन क्या अर्धांगिनी बन
स्वयं अस्तित्व को क्षीण बनाए ?
क्यों ना एक और एक दो बन
संसार से यह असमानता हटाएं ?
स्वावलंबी हो पंख फैलाएँ
अपना रुतबा हर ओर बढ़ाएँ
बेटी -बेटे का भेद मिटायें
आत्मसम्मान की ज्योति जलाएँ ।
न होगी जरुरत सहानभूति की
न होगी जरुरत समानता की
शक्ति बने दुर्गा, सरस्वती, लक्ष्मीबाई
इंदिरा ,सरोजिनी ,कल्पना चावला -सी ॥
अद्भुत ,ममतामयी ,स्थिर ललना
पीढ़ी- दर -पीढ़ी , तूने की संरचना
सह पुरुषत्व की तानाशाही ,सीखा लड़ना ।
क्यों आज चाहिए हमें सहानुभूति
मानवता की हैसियत से ?
क्या कम हैं हममें हुनर और अनुभूति
संतुलन और सहिष्णुता ,किसी नज़र से ?
आजीवन क्या अर्धांगिनी बन
स्वयं अस्तित्व को क्षीण बनाए ?
क्यों ना एक और एक दो बन
संसार से यह असमानता हटाएं ?
स्वावलंबी हो पंख फैलाएँ
अपना रुतबा हर ओर बढ़ाएँ
बेटी -बेटे का भेद मिटायें
आत्मसम्मान की ज्योति जलाएँ ।
न होगी जरुरत सहानभूति की
न होगी जरुरत समानता की
शक्ति बने दुर्गा, सरस्वती, लक्ष्मीबाई
इंदिरा ,सरोजिनी ,कल्पना चावला -सी ॥
1 टिप्पणी:
very nice
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