सोमवार, 7 नवंबर 2016
शुक्रवार, 4 नवंबर 2016
एक दीया शहीदों के नाम
आज सब मिल एक दीया जला दो उसके नाम
वतन का वह मतवाला ,जिसने जीवन किया हमारे नाम ।
आज सब मिल एक दीया जला दो उसके नाम
खेले खून की होली ,कर स्वयं का बलिदान ।
आज तिलक लगा दो बहना उस वीर को
जो लड़ रहा रणभूमि में ,छोड़ अपनी हीर को ।
आज तिलक लगा दो बहना उस जॉबाज को
जो बन रक्षक पहरा देता ,दिल में समाए माँ की आवाज़ को ।
आज तिलक लगा दो बहना ,इस बलिबेदी के लाल को
मौत के घाट उतारे आतंकियों को ,छोड़ घर बूढ़े बाप को ।
आज सब मिल एक दीया जला दो उसके नाम
जो त्याग सबकुछ, हो गया देश की खातिर कुर्बान ॥
"शहीदों की चिताओं पर जुड़ेंगे हर वर्ष मेले
वतन पर मरने वालों का यही निशां होगा"
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